Nirankari Shayari

ज़िंदगी भी… समुद्र की भांति ही है।

समुद्र सभी के लिए एक ही है …
पर…,

कुछ उसमें से मोती ढूंढते है ..
कुछ उसमें से मछली ढूंढते है ..
और,
कुछ सिर्फ अपने पैर गीले करते हैं।

ज़िंदगी भी… समुद्र की भांति ही है।

यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है, कि, इस जीवन रुपी समुद्र से हम क्या पाना चाहते हैं?
हमें क्या ढूंढ़ना है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *