Nirankari Shayari

तारों में अकेले चाँद जगमगाता है

तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान ड़गमगाता है।

काँटों से मत घबराना मेरे महापुरुषों,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है..👍

इसी तरह हम भजन सिमरन करेंगे तो सत्गुरु हमे इन काटों रूपी संसार से पार लगायेंगे।

।धन निरंकार जी।

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