Nirankari Shayari

कुछ बोलने और तोड़ने में* *केवल एक पल लगता है

कुछ बोलने और तोड़ने में*
*केवल एक पल लगता है*
*जबकि बनाने और मनाने में*
*पूरा जीवन लग जाता है।*
*प्रेम सदा*
*माफ़ी माँगना पसंद करता है,*
*और अहंकार सदा*
*माफ़ी सुनना पसंद करता है..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *