Nirankari PoemsNirankari Shayari

क्या भरोसा है जिंदगानी का – Ek Sandesh

इस संदेश को पढिये मन प्रसन्न हो जायेगा।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••

रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं….
रोज अपनी उमर भी
बदलती है…..
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी,
वक्त के साथ बदलते हैं।

बस एक ही चीज है.
जो नहीं बदलती…
और वो हैं ————- “हम खुद”

और बस इसी वजह से हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है।

किसी शायर ने खूब कहा है-

रहने दे आसमां
ज़मीन की तलाश ना कर,,
सब कुछ यहीं है,
कहीं और तलाश ना कर.,

हर आरज़ू पूरी हो,
तो जीने का क्या मज़ा,,,
जीने के लिए बस एक
खूबसूरत वजह की तलाश कर,,,

ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे,,
अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे,,,

बहुत अच्छा लगेगा
ज़िन्दगी का ये सफ़र,,,
आप वहां से याद करना,
हम यहाँ से मुस्कुराएंगे,,,

क्या भरोसा है जिंदगानी का ,
इंसान बुलबुला है पानी का।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *